Thursday, August 19, 2010

सदगुरू क चरणों में बैठने से जो बल मिलता हैं उससे सभी वृत्तियाँ स्वकेन्द्रित होकर स्थिर हो जाती हैं | इसलिए शास्त्र कहते हैं की यथाक्रम प्राप्त किए गुरु क अनुग्रह से ही आत्मा का दर्शन किया जान सकता हैं | दूसरे किसी भी प्रकार क सामर्थ्य से उसका दर्शन नहीं किया जान सकता हैं |


Sai Amrut Dhara







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